नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) के अप्रैल 2025 में 22 करोड़ निवेशक हो गए हैं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। एनएसई ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि एनएसई ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए जिसमें कुल निवेशक खाते जिन्हें विशिष्ट ग्राहक कोड (यूसीसी) के जरिए मापा जाता है।
31 मार्च 2025 तक, यूनिक रजिस्ट्रेंशन निवेशकों की संख्या 11.3 करोड़ थी, जो जनवरी में 11 करोड़ रही थी। खाता खोलने में यह उछाल मोबाइल ट्रेडिंग अपनाने और वित्तीय जागरूकता में वृद्धि और तेज ऑनबोर्डिंग की प्रक्रियाओं की वजह से खाते खुलने की संख्य में तेजी आई है।
डिजिटल परिवर्तन और मोबाइल ट्रेडिंग के बढ़ते उपयोग से छोटे शहरों विशेषकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में निवेशकों के लिए पूंजी बाजार को अधिक सुलभ बना दिया है। यह वृद्धि व्यापाक वित्तीय जानकारी और उससे जुड़े कार्यक्रमों और आसान होती केवाईसी प्रक्रियों की वजह से हुई है।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक खाते
एनएसई ने बताया कि देश में सबसे अधिक खाते महाराष्ट्र 3.8 करोड़ खाते हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश जहां 2.4 करोड़ उसके बाद गुजरात जहां 1.9 करोड़ और राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 1.3 करोड़ खाते हैं। इन पांच राज्यों में ही कुल खातों का लगभग आधा हिस्सा है।
निवेशकों की भागीदारी में यह बढ़ोतरी इस समय आई है जब बाजार में ट्रैरिफ को लेकर काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके यह वृद्धि बाजार के मजबूत प्रदर्शन को लेकर भी देखी जा रही है। जहां निफ्टी 50 ने पांच सालों में 22 प्रतिशत का सालाना रिटर्न भी दिया है।
एनएसई के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने बताया कि भारत का निवेशक आधार तेजी से बढ़ रहा है, हमने अप्रैल 2025 तक 22 करोड़ निवेशकों के खाते जोड़े हैं। वैश्विक आर्थिक बाधाओं के बाद भी भारत के विकास पथ पर निवेशकों का मजबूत विश्वास बना हुआ है।
सेबी ने विशेष निवेश फंडों के लिए मानकीकृत आवेदन प्रारूप पेश किया
बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को विशेष निवेश कोष (एसआईएफ) स्थापित करने के इच्छुक म्यूचुअल फंडों के आवेदनों के लिए एक मानकीकृत प्रारूप पेश किया है। इससे आवेदनों की प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद मिलेगी।
इसके अलावे, सेबी ने एसआईएफ के लिए निवेश रणनीति सूचना दस्तावेज (आईएसआईडी) का विस्तृत प्रारूप जारी किया। एसआईएफ की शुरूआत का मकसद पोर्टफोलियो के लचीलेपन के बारे में म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के बीच के अंतर को पाटना है।
सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, निवेशकों को सभी एसआईएफ रणनीतियों में न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश करना आवश्यक है। हालांकि, यह निवेश सीमा मान्यता प्राप्त निवेशकों पर लागू नहीं होती है।
अपने परिपत्र में सेबी ने कहा कि आवेदन प्रक्रिया में स्थिरता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए, एसआईएफ शुरू करने के इच्छुक म्यूचुअल फंडों को निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक है।